मुखौटा
दुनिया में सबसे आसान काम जो हम सब लगातार कर रहे होते हैं वो है लोगों के सामने अपनी एक नकली (खुशी से छलछलाती) छवि प्रदर्शित करना; और कठिनतम कामों में से जो है वो है ये जान पाना कि ये दिखावा दुनिया के साथ नहीं, वरन् स्वयं के साथ धोखा देना है। किसी ग़ज़ल की पंक्तियाँ हैं - \"तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो, क्या गम है जिसको छुपा रहे हो\", उसी तरह एक और है - \"हँसो आज इतना कि इस शोर में, सदा सिसकियों की सुनायी न दे\"। यही बात प्रसिद्ध मनोचिकित्सक (Psychoanalyst) Alfred Adler की Adlerian…