भींट पर मुड़ी, माने?

https://youtube.com/shorts/k8tyq4bDkE0?si=RFSYX9FJepbL09Ep 'ओय, आज रिंकू पढ़बे काय नईं आव?' 'सुनो है के ऊने कछु उल्टो-पुल्टो खा लओ जीसें ऊको पेट बिगर गओ। और अब तो वो डॉक्टर के नाँ परो-परो रो रओ।' 'जा बात, पर जो मिंकू तो खुदई नई आओ स्कूल!''ऊको तो ओरई बुरओ हाल है। ऊने कछु सोचो-मोचो नई और पतो नई फोन में का उल्टो-पुल्टो देख लओ, और ऊके बाद कोने में दुकके भींट पे मुड़ी मार दई।' 'ईको माने?' 'ईको माने के जैसे मों से उल्टो-पुल्टो खा लो सो पेट बिगर जात, ऊसई गटन से के कानन सें उल्टो-पुल्टो खावे से (माने कछु उल्टो-पुल्टो देख या सुन…

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दीवार पर सिर, मतलब?

https://youtube.com/shorts/tVBljOWMX4M?si=sdpVED6V95Q7ErFv 'अरे, आज रिंकू स्कूल क्यों नहीं आया' 'सुना है कि उसने बिना देखे कुछ उल्टा-पुल्टा खा लिया, जिससे उसका पेट खराब हो गया। और अब डॉक्टर के यहाँ पड़ा-पड़ा रो रहा है।' 'ऐसा क्या, और ये मिंकू भी तो नहीं आया स्कूल!' 'उसका तो और भी बुरा हाल है। उसने बिना सोचे-समझे फोन में न जाने क्या उल्टा-पुल्टा देख लिया, और फिर कोने में छिपकर दीवार पर सिर दे मारा।' 'मतलब?' 'मतलब ये कि जैसे मुँह से उल्टा-पुल्टा खा लेने से पेट खराब हो जाता है, वैसे ही आँखों या कान से उल्टा-पुल्टा खा लेने से (यानि उल्टा-पुल्टा कुछ…

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अच्छे बच्चे मंजन करते?

https://youtube.com/shorts/bNV-hCuQt84?feature=share हे एक अच्छी से पोयम सुनाओ अच्छी सी पोयम?लो सुनो अच्छे बच्चों की अच्छी पोयम अच्छे बच्चे मंजन करतेमंजन करके कुल्ला करतेकुल्ला करके रोज नहातेरोज नहाकर खाना जातेखाना खाकर स्कूल जाते बहुत मजा आया। पोयम तो तुमने अच्छे से सुनाई, पर असली बात है नहीं बताई। असली बात? कौनसी असली बात?यही कि अच्छे बच्चे क्या हैं करते। अच्छे बच्चे मम्मी से कहते हैं मम्मी हम क्यों सोने जातेसोकर क्यों हैं फिर उठ जातेक्यों मंजन और कुल्ला करतेक्यों ही हैं हम रोज नहातेक्यों हर दिन हम खाना खातेफिर क्यों हैं स्कूल को जाते मतलब अच्छे बच्चे प्रश्न हैं करते।पर उसके…

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हमें तो बेई विही चाने

राम–राम पौंचवे सबई जन खों, आज अपन एक और खूबई अच्छी किसा सुनें। एक हती थी हल्की सी मोड़ी, अपाला नाव तो ऊको। वा पने बाप–मताई और बब्बा–बऊ के संगे रत ती। एक दिना जब इंद्आऔ हो गऔ तो सबई जने पर रए और गेरी नींद में सो गए। हौले–हौले रात कड़न लगी और फिर भुनसाओ होन लगो। ऊकी मताई, बऊ और और जने तो जल्ली जग गए पर अपाला सोईबे लगी ती। ओई घरी पे वा बर्राऊँ लगी। का देखन लगी बर्राउत में? बर्राउत में देखन लगी के वा पनी दोस्ताँनिअन के संगे दिन–डूबे के टेम पे खेलने खों…

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मुझे तो वही अमरूद चाहिए

अपाला नाम की एक छोटी सी बच्ची थी। वो अपने माता–पिता और दादा–दादी के साथ रहती थी। एक दिन जब अंधेरा हो गया तो सब के सब लेट गए और  गहरी नींद में सो गए। धीरे–धीरे रात बीतने लगी

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I Want Only That Guava

Hello, Today, we will hear a very good story. There was a little girl named Apala. She lived with her parents and grandparents. One day when it was dark, everyone lied down and went into deep sleep. Slowly the night began to pass and then the morning began. Her parents and grandparents woke up a little early, but Apala was still sleeping. At that time Apala started having a dream in her sleep. What did she experience in the dream? She sees in the dream that she is going to play with her friends in the evening. Along with studying,…

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हमाओ तो मनईं नईं कर रओ

राम–राम पौंचवे सबई जन खों! आज अपन एक ऐनई–ऐन अच्छी किसा सुनें। तो का भओ के एक हतो तो बड़–बड्डो गाँव। गाँव को का नाव तो? गाँव को नाव तो वेदांतपुर। का? वेदांतपुर। वेदांतपुर ऐनईं–ऐन बड़–बड्डो हतो तो, सो ऊमें बन्न–बन्नकी चीज़ें हती तीं, बन्न–बन्नके आदमी रतते। और ऐनईं–ऐन तो मोड़ी–मोड़ा रतते। एक गली में चार भौतई–भौत अच्छे दोस्त रतते। उनन चारईंयन को का नाव तो? एक को नाव तो नचिकेता, दूसरे को श्वेतकेतु, तीसरे को सत्यकाम और चौथे को अथर्व। चारई जने संगे–संगे स्कूल जातते, संगई–संगे पढ़त ते, संगई–संगे खेलत ते। का खेलत ते? बन्न–बन्न के खेल — गिल्ली–डण्डा,…

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मेरा तो मन ही नहीं कर रहा

तो हुआ क्या कि एक बहुत बड़ा गाँव था। गाँव का क्या नाम था? गाँव का नाम था वेदांतपुर, क्या? वेदांतपुर। वेदांतपुर बहुत ही बड़ा था इसलिए उसमें अनेक प्रकार कीं वस्तुएँ थीं और विभिन्न प्रकार के लोग थे और बहुत सारे बच्चे रहते थे। एक गली में चार बहुत अच्छे दोस्त रहते थे। उन चारों के क्या नाम थे? चारों में से एक का नाम था नचिकेता, दूसरे का श्वेतकेतु, तीसरे का सत्यकाम और चौथे का अथर्व।

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But I don’t Feel So

Hello, Today we will hear a very good story. There was a very big village. What was the name of the village? The name of the village was Vedantpur, what? Vedantapur. Vedantapur was very big, so it had a variety of things, and different types of people and many children lived there. Four very good friends lived in a street. What were the names of those four? One of the four was named Nachiketa, the other was Shvetaketu, the third was Satyakama and the fourth was Atharva. The four friends went to school together, studied together, played together. What did…

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एक मोड़ा किते हिरा गओ?

मताई–बाप: खूबई रात आ हो गई है, मोंगे–मोंगे पर रओ और सो जाओ अब! मोड़ी–मोड़ा: आँहाँ, हमें नींदई नईं आ रई। पैलें एकाद किसाई सुना दो। मताई–बाप: लो तो, सुनो। गल्लन साल पैलें जंगल में एक स्कूल हतो तो। आश्रम कत ऊखों। ऊ आश्रम के लिगाँ से एक नदी भी बेउत ती। आश्रम में एनईं–एन मोड़ी–मोड़ा पढ़त ते।  मोड़ी–मोड़ा: दोई जने पढ़त ते, मोड़ी और मोड़ा? मताई–बाप: हओ, आज से भौतई–भौत पहले दोई जने पढ़त ते जैसे आज स्कूलन में पढ़त। फिर का भओ के एक दिना आश्रम के जो गुरुजी हते ते, उन ने कछु मोड़न से कई के…

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एक लड़का कहाँ खो गया?

अभिभावक: बहुत रात हो गई है, चुपचाप लेटो और सो जाओ अब! पुत्र/पुत्री: नहीं, अभी मुझे नींद ही नहीं आ रही, पहले एक कहानी सुनाओ। अभिभावक: ठीक है, सुनो। बहुत साल पहले जंगल में एक स्कूल था। आश्रम कहते हैं उस स्कूल को। इस आश्रम के पास से एक नदी भी बहती थी। उस आश्रम में बहुत सारे लड़के–लड़कियाँ पढ़ाई करते थे। पुत्र/पुत्री: लड़का–लड़की, दोनों पढ़ते थे? अभिभावक: हाँ, आज से बहुत–बहुत साल पहले दोनों पढ़ते थे, जैसे आज स्कूल में पढ़ते हैं। फिर एक दिन क्या हुआ कि आश्रम के जो गुरुजी थे, उन्होंने कुछ लड़कों से कहा कि…

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दीवार के पीछे छुपा है भूत

माँ: रात हो गई है, चुपचाप लेटो और सो जाओ। बच्ची: नहीं, मुझे नींद नहीं आ रही। माँ: आ रही हो या नहीं, आज तो सोना ही पड़ेगा। बच्ची: क्यों? माँ: कैसी क्यों! बाहर भूत खड़ा हुआ है। बच्ची: नहीं, ऐसा मत बोलो, मुझे बहुत डर लग रहा है। माँ: तभी तो कह रही हूँ कि जल्दी लेट जाओ, नहीं तो वो इधर ही आ जाएगा। बच्ची: जल्दी से मेरी रजाई ओढ़ा दो, और सिर ढाँक दो। फिर भूत मुझे देख ही नहीं पाएगा। माँ: हाँ, सिर बिल्कुल भी बाहर मत निकालना नहीं तो वो देख लेगा। पिताजी: अरे, आज…

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