हमें तो बेई विही चाने
राम–राम पौंचवे सबई जन खों, आज अपन एक और खूबई अच्छी किसा सुनें। एक हती थी हल्की सी मोड़ी, अपाला नाव तो ऊको। वा पने बाप–मताई और बब्बा–बऊ के संगे रत ती। एक दिना जब इंद्आऔ हो गऔ तो सबई जने पर रए और गेरी नींद में सो गए। हौले–हौले रात कड़न लगी और फिर भुनसाओ होन लगो। ऊकी मताई, बऊ और और जने तो जल्ली जग गए पर अपाला सोईबे लगी ती। ओई घरी पे वा बर्राऊँ लगी। का देखन लगी बर्राउत में? बर्राउत में देखन लगी के वा पनी दोस्ताँनिअन के संगे दिन–डूबे के टेम पे खेलने खों…