पुस्तक समीक्षा पुस्तक: बंकू लेखक: अमित तिवारी ————————————–सबसे पहले तो मैं बंकू महाराज से क्षमा माँगूँगा कि उनके आने के…
कहते हैं कि परिवर्तन संसार का नियम है; इसको सुनकर ऐसा लग सकता है मानो कि ये संसार कुछ है…
मनुष्य का दुनिया में आगमन एक संबंध के परिणामस्वरूप होता है। फिर उसकी परवरिश उन लोगों के बीच होती है…
कुछ दिनों पहले मुझे अनेक गाँवों में जाने और वहाँ के लोगों से बात करने का अवसर मिला। वो सारे…
आज भारत तेजी से आर्थिक तरक्की की ओर बढ़ रहा है जिसमें तरह-तरह के औद्योगिक विकास के उपक्रम संचालित किए…
दुनिया में हर एक व्यक्ति गुणों व दोषों का सम्मिलित पुतला होता है। शायद ही ऐसा कोई हो जो हर दृष्टि से दोषरहित है, या जो हर दृष्टि से गुणरहित है। कहने का तात्पर्य ये है कि हम जैसे सामान्य इंसान के अन्दर गुण-दोष दोनों अलग-अलग अनुपात में रहते ही रहते हैं, और व्यक्ति का स्वयं के प्रति ये दायित्व होता है कि वो दुर्गुणों (दोषों) को कमतर करता चले।
Continue Reading जो हम भारतीयों को पश्चिम से सीखना चाहिए, लेख १ – साफ़-सफ़ाई
सामान्यतया जब भी किसी देश के ऊपर आए खतरों की बात होती है तो पहला विचार किसी दुश्मन देश से सीमा पर होने वाले खतरे का ही आता है।
गार्गी, अपाला, घोषा, मैत्रेयी, सुलभा, यामी, विश्ववरा, रोमशा, मीरा, लल्ला, अक्का महादेवी इत्यादि-इत्यादि। बड़ी लम्बी सूची है; और अगर इस…
दुनिया में सबसे आसान काम जो हम सब लगातार कर रहे होते हैं वो है लोगों के सामने अपनी एक…
देश में राजनैतिक दलों की राजनीति का स्तर कभी भी अच्छा नहीं रहा, पर अब ये जिस स्तर पर गिरता…
ये न राजनैतिक समस्या है, न धार्मिक समस्या है, न ही किसी विशिष्ट विचारधारा का मुद्दा है, ये मनुष्यों और…
बाकी दुनिया के सम्पर्क से थोड़ा दूर ज़रूर था वो पूरा इलाका, परन्तु ज़रूरत की हर चीज़ वहाँ मौजूद थी।…