संस्कृति और महिलाओं की वर्तमान स्थिति

गार्गी, अपाला, घोषा, मैत्रेयी, सुलभा, यामी, विश्ववरा, रोमशा, मीरा, लल्ला, अक्का महादेवी इत्यादि-इत्यादि। बड़ी लम्बी सूची है; और अगर इस सूची में समाज सेविकाओं, स्वतन्त्रता संग्राम की वीरांगनाओं एवं राजनीति, खेल, साहित्य, कला, व्यापार, चिकित्सा, विज्ञान आदि के क्षेत्रों में ऊँचाइयाँ हासिल करने वाली महिलाओं के नाम जोड़ दिए जाएँ तो सूची और भी लम्बी हो जाएगी। परन्तु ये सूची कितनी ही लम्बी हो जाए, उन महिलाओं की सूची के सामने कुछ भी नहीं है जिन्हें समाज में दबाकर रखा गया, अशिक्षित रखा गया, तमाम आधारभूत अधिकारों से वंचित रखा गया, दहेज के लिए प्रताणित किया गया, जीवन में बेहतरी…

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मुखौटा

दुनिया में सबसे आसान काम जो हम सब लगातार कर रहे होते हैं वो है लोगों के सामने अपनी एक नकली (खुशी से छलछलाती) छवि प्रदर्शित करना; और कठिनतम कामों में से जो है वो है ये जान पाना कि ये दिखावा दुनिया के साथ नहीं, वरन् स्वयं के साथ धोखा देना है। किसी ग़ज़ल की पंक्तियाँ हैं - \"तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो, क्या गम है जिसको छुपा रहे हो\", उसी तरह एक और है - \"हँसो आज इतना कि इस शोर में, सदा सिसकियों की सुनायी न दे\"। यही बात प्रसिद्ध मनोचिकित्सक (Psychoanalyst) Alfred Adler की Adlerian…

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